जमा स्वीकार करना, ऋण वितरित करना और क्रास सेलिंग के द्वारा आय अर्जित करना।
2.
जमा पर ऋण / संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में जमा स्वीकार करना: जमा पर ऋण नहीं दिया जाएगा और न ही जमा संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में स्वीकार्य होगी।
3.
यह संस्थाओं का विजातीय समूह है (वाणिज्यिक सहकारी बैंकों को छोड़कर) जो विभिन्न तरीकों से वित्तीय मध्यस्थता का कार्य करता है जैसे जमा स्वीकार करना ऋण और अग्रिम देना, पट्टा किराया खरीद आदि।
4.
उनके कार्यो को चार मुख्य श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है--(१) जमा स्वीकार करना (आच्चेप्टिन्ग् ओङ् डेपोसिट्स्), (२) ऋण अथवा अग्रिम राशि प्रदान करना (आड्वन्चिन्ग् ओङ् लोअन्स्), (३) एजेन्सी सेवाएँ (आगेन्च्य् सेर्विचेस्) प्रदान करना, (४) विविध सेवाएँ (ंइस्चेल्लनेओउस् सेर्विचेस्).